मंडला। विशेष न्यायालय (एससी/एसटी एक्ट) ने बहुचर्चित एनएसयूआई महासचिव सोनू परोचिया हत्याकांड में गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया। अदालत ने चार मुख्य आरोपियों—हैप्पी उर्फ मयूर यादव, आयुष यादव, विपिन मरकाम और पीयूष मरावी—को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, पांचवें आरोपी रवि यादव को आयुध अधिनियम के तहत सात साल का कठोर कारावास मिला है।
🔸 इन धाराओं में हुई सजा:
चारों मुख्य आरोपियों को IPC की धारा 302 (हत्या), 120-बी (षड्यंत्र), 307 (हत्या का प्रयास), 201 (सबूत मिटाना), आयुध अधिनियम व एससी/एसटी एक्ट के तहत दोषी पाया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी सरमन सिंह ठाकुर ने सशक्त पैरवी की।
🔸 क्या था पूरा मामला?
26 जून 2020 की रात एनएसयूआई नेता सोनू परोचिया अपने मित्र दिगम्बर उर्फ दिग्गू व अन्य दोस्तों के साथ पोंड़ी महाराजपुर स्थित मटरू ढाबा पर साहिल परोचिया का जन्मदिन मनाकर लौट रहे थे। गुरुद्वारा महाराजपुर ब्रेकर के पास बोलेरो में सवार हैप्पी यादव व साथियों ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी। स्कूटी से गिरने पर हैप्पी ने सोनू को गोली मार दी। अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में सोनू की मौत हो गई।
🔸 राजनीतिक और सामाजिक हलकों में गूंज:
यह मामला 2020 में प्रदेशभर की सुर्खियों में रहा। कांग्रेस पार्टी ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंडला जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
🔸 मंडला न्यायपालिका का सख्त रुख:
इस ऐतिहासिक फैसले से साफ है कि मंडला न्यायपालिका कानून और न्याय की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। फैसले से पीड़ित परिवार और सामाजिक संगठनों को न्याय मिला है। लोगों ने इसे "न्याय की जीत" करार दिया है।